उद्योग व्यापार हो अथवा जीवन का अन्य कोई क्षेत्र क्षमता के अनुसार कार्य का चयन और सही तरीके से उसे प्रारंभ करना सफलता के लिए ज़रूरी है।
सफलता प्राप्त करना इतना कठिन नहीं है जितना कि सतत् रूप से स्थाई और निरंतर बनाए रखना है।
इस Blog में हम ऐसे ही कुछ तथ्यों का विश्लेषण कर रहे हैं जिनका निरंतर पालन करने से आप भी उन सावधानियों को अपने कार्य एवं व्यवहार में अपना कर बेहतर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
व्यवसाय से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार है
सही उद्योग एवं उत्पादों का चुनाव
सैकड़ों प्रकार के उद्यम तथा उद्योग हैं और प्रत्येक प्रकार के उद्यमों में भिन्न-भिन्न वस्तुओं का उत्पादन होता है प्रायः उद्योग तथा उसमें बनाई जाने वाली वस्तुओं का चयन करते समय अपने क्षेत्र और बाजार की सूची व चलन (trends) का तो ध्यान रखें ही उत्पादन सदैव उस वस्तु से प्रारंभ करें जो स्थानीय बाजार में ही मुनाफे की दरों पर भरपूर मात्रा में बिक जाए इतना ही नहीं उस वस्तु के निर्माण में प्रयोग होने वाले कच्चे माल भी आसपास ही भरपूर मात्रा में मिलना सफलता के लिए अनिवार्य है।
उत्पादन प्रारंभ करते समय यह सुनिश्चित करें कि पूर्व में यदि कोई उस वस्तु का निर्माण कर रहा है तो उसका अनुभव कैसा है और जानने का प्रयास करें जैसे
- आपके आसपास के क्षेत्र से संबंधित कुछ प्रमुख Business Ideas की जानकारी एकत्रित करें
- कृषि उत्पादों, फलों और दूध पर आधारित तथा श्रम की प्रधानता वाले उद्योग कस्बों व ग्रामों में अधिक लाभदायक होते हैं वही इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) या कॉस्मेटिक (Cosmetic) का उत्पादन वहां करना बेहतर option नहीं है
- इस प्रकार screen printing, अगरबत्ती, पेन, ball pen निर्माण जैसे उद्योग में जहां अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं होती है वहीं कुछ उद्योगों को चलाने के लिए करोड़ों रुपए के निवेश की आवश्यकता होती है
जैसे की हमने पूर्व में ही कहा है कि प्रत्येक उद्योग की कुछ विशेषताएं कमियां और सीमाएं होती हैं पहले से ही अपनी सभी क्षमताओं, वातावरण और जो उद्योग आप शुरू करने की सोच रहे हैं उसके सभी बिंदुओं का विश्लेषण करने के बाद ही आगे कदम उठायें।
उत्पादन क्षमता का आंकलन
नया उद्योग प्रारंभ करते समय अधिकांश लोग सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि वह प्रारंभ में ही प्लांट, मशीनों और ऑफिस निर्माण पर पूंजी का एक बड़ा भाग व्यय कर देते हैं
इसके बाद कुछ समय तक तो भरपूर उत्पादन करके बाजार में अपना निर्मित माल भी सप्लाई करते हैं परंतु इसके बाद पूंजी के अभाव में उनका कार्य रुक जाता है और नातो वे बाजार में अपने उत्पाद को सप्लाई कर पाते हैं और ना ही उन्हें सप्लाई किए गए माल का Payment मिल पता है और जो मिलता है वह भी थोड़ा-थोड़ा करके बड़ी मुश्किलों से प्राप्त हो पाता है।
उपभोक्ता सामग्री उद्योग की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि इस वर्ग के उद्योगों में जितनी लागत, मशीन और उपकरणों पर आती है उससे कई गुना अधिक कच्चे माल व उद्योग के प्रबंध व संचालन में आती है
उपरोक्त सभी व्ययों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कार्यशील पूंजी होने पर ही उद्योगों का संचालन सफलतापूर्वक हो पाता है यही कारण है कि आपका व्यवसाय कितना ही क्यों ना बढ़ जाए सदैव उत्पादन क्षमता के अनुसार ही कार्य करना चाहिए।
रुचि व फैशन के अनुसार उत्पाद निर्मित करना
प्रारंभ से ही छोटे स्तर पर धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाते रहना और समय के साथ-साथ उत्पादों की संख्या बढ़ाते रहना भी आवश्यक है बाजार में प्रचलित फैशन व रूचि के अनुसार और अधिकतम लाभ के लिए नए-नए उत्पाद निरंतर निर्मित करते रहना चाहिए
उसके पश्चात नवनिर्मित उत्पाद का अच्छे से प्रचार-प्रसार करें क्योंकि बदला हुआ स्वरूप उपभोक्ताओं में भ्रम उत्पन्न कर सकता है
यही कारण है कि आप जब भी कोई नया या परिवर्तित उत्पाद निकाले उसे नया Brand Name दें और पुराने उत्पाद को उसी नाम से बाजार में Supply करते हैं।
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निरंतर एक सामान गुणवत्ता बनाये रखें
कोई भी ग्राहक आपके उत्पाद को विज्ञापन और पैकेजिंग (advertising and packaging) देखकर उसे खरीदने के लिए प्रेरित होता है और दुकानदार के निवेदन पर ग्राहक पहली बार में क्रय भी कर लेता है परंतु दोबारा वह उसे तभी खरीदता है जब वह उसकी Quality से संतुष्ट हो।
यही कारण है कि अच्छा माल बिना प्रचार के ही न केवल बिकता है बल्कि लगातार उसकी मांग भी बढ़ती रहती है ।
स्थाई सफलता और निरंतर विकास वहीं संस्थान करता है जो अच्छी Quality का उत्पादन करता है और उस Quality को Maintain भी रखता है सबसे अधिक लाभ उन वस्तुओं के निर्माण में है जिनका प्रयोग विशेष रूप से नगरों में रहने वाले जागरूक व संपन्न ग्राहकों द्वारा किया जाता है यह वर्ग Product Quality के प्रति बहुत अधिक जागरूक होता है इसलिए क्वालिटी का विशेष रूप से ध्यान रखा जाना ज़रूरी है।
कच्चे माल की संपूर्ण जानकारी
किसी भी एक वस्तु के निर्माण में भी अनेक प्रकार की वस्तुओं का कच्चे माल के रूप में प्रयोग होता है प्रयोग किए जाने वाली इन वस्तुओं में से अधिकांश ऐसी होती है कि एक प्रकार के कच्चे माल के स्थान पर दूसरे का प्रयोग आसानी से किया जा सकता है
किसी भी उद्योग में सर्वाधिक लाभ वहीं उत्पादक प्राप्त करता है जो एक वस्तु के स्थान पर दूसरे वस्तु का प्रयोग करने में दक्ष होता है, एक दूरदर्शी निर्माता को केवल चंद फार्मूले और निर्माण प्रक्रिया का ही नहीं बल्कि उसे निन्म जानकारी होना भी अवशयक है
उसके द्वारा बनाई जाने वाली किसी भी वस्तु का निर्माण करते समय उसमें जो विभिन्न प्रकार के कच्चे माल मिलाए जा रहे हैं
- उनमें से प्रत्येक वस्तु को क्यों मिलाया जा रहा है ?
- उस माल की उपयोगिता क्या है ?
- उसे ना मिलाने अथवा कम या अधिक मात्रा में मिलाने पर तैयार होने वाली वस्तु के गुणों पर क्या अच्छा अथवा बुरा असर पड़ेगा?
पूरक कच्चे माल का प्रयोग
किसी भी उद्योग में वही संस्थान Survive कर सकता है जो कच्चे माल के रूप में किसी अन्य कच्चे माल का प्रयोग करना बेहतर तरीके से जानता हो, ऐसा कई बार होता रहता है कि बाजार में एक वस्तु की कीमत बहुत अधिक बढ़ जाती है और कभी किसी दूसरी वस्तु की।
इन परिस्थितियों का सामना वही निर्माता सफलतापूर्वक कर सकता है जिसे
- विभिन्न प्रकार के कच्चे माल के बारे में उचित जानकारी होती है
- बाजार में यदि कोई वस्तु उपलब्ध नहीं हो पा रही हो, तो उसके स्थान पर कौनसी वस्तु का प्रयोग किया जा सकता है
इस प्रकार की सम्पूर्ण जानकारी उद्यमी को होना चाहिए
निरंतर नवीन खोज और सैंपल के रूप में थोड़ा-थोड़ा माल बनाकर उसका परीक्षण करते रहना प्रत्येक उद्योग में सफलता का सबसे बड़ा रहस्य है और अधिकांश बड़े निर्माता इस कार्य के लिए बड़ा निवेश भी करते हैं
मांग के अनुसार समय पर आपूर्ति
उचित समय पर कार्यों को किया जाना जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता की अनिवार्य कुंजी है निश्चित समय पर अपने ग्राहकों व्यापारियों थोक व्यापारियों से निरंतर संपर्क बनाए रखें और कोई भी order मिलने पर निश्चित समय पर माल supply करते रहे जिससे आपके उत्पादों की आपूर्ति बाजार में निरंतर बनी रहे।
मांग के अनुसार आपूर्ति की निरंतरता बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है जितना quality standard बनाए रखना यदि आप अपने उत्पाद के quality और supply व्यवस्था में समयबद्ध व जागरूक नहीं रहेंगे तो ना केवल आपके उत्पाद की लोकप्रियता में कमी आएगी बल्कि इसमें आपके व्यवसाय पर भी गलत प्रभाव पड़ेगा।
बाजार का लगातार अध्ययन
प्रायः बड़ी कंपनियां बाजार सर्वेक्षण पर अधिक ध्यान देती है जैसे घर-घर जाकर उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया जानने और अपने उत्पादों के विक्रेताओं से निरंतर संपर्क बनाए रखने के लिए अलग-अलग अनेक कर्मचारी रखती है
लेकिन जो व्यवसाई ऐसा नहीं कर सकते वह अपने विक्रेताओं के माध्यम से अपने उत्पाद के बारे में उपभोक्ताओं की धारणा और राय क्या है और यदि वे उत्पाद में कोई सुधार या किसी भी प्रकार का बदलाव चाहते हैं इसका पता भी आपको अपने विक्रेताओं व थोक व्यापारियों या मध्यस्थों के माध्यम से लगाना चाहिए और अपने उत्पाद में परिवर्तन करना चाहिए
ये विक्रेता जहां आपकी बिक्री व्यवस्था के आधार स्तंभ हैं वहीं मध्यम स्तर व उत्पादन करते समय आप बाजार की सभी जानकारियां उन के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं यही कारण है कि आप किसी भी स्तर पर व्यवसाय करें इन दुकानदारों से निरंतर सीधा संपर्क अवश्य बनाए रखें।
हिसाब किताब का लेखा जोखा
किसी भी उद्योग में सफलता को स्थाई बनाएं रखने के लिए यह भी बहुत आवश्यक है कि सभी प्राप्ति और खर्चों, लाभ व हानि आदि का पूरा हिसाब रखा जाए इसी प्रकार विभिन्न देनदारियों टाक्सो और कर्मचारियों के वेतन का पूरा हिसाब रखना और समय पर उनका पेमेंट करना भी आवश्यक है।
आप अपने लाइसेंसो का नवीनीकरण और टैक्सों का भुगतान निश्चित समय पर करके व्यर्थ की हानि और जोखिम से दूर रह सकते है और व्यवसाय के संचालन में बिना किसी रूकावट के ध्यान दे सकते हैं।
अच्छी साख निर्माण करना
बाजार में अपनी साख को बनाए रखने के लिए जिन लोगों से आप माल खरीदते हैं उन्हें निश्चित समय पर उनका पेमेंट करते रहे और जो देनदार है उन्से समय पर अपने भुगतान प्राप्त करें और बाजार में अच्छी साख निर्मित करने की कोशिश करें।