गृह उद्योग कैसे शुरू करें?

गृह उद्योग के अंतरगत आमतोर पर वह उद्योग आते है जो (MSME) की नई गाइडलाइन के मुताबिक अधिकतम 1 करोड़ ₹ के पूंजी निवेश में शुरू किये जा सकते हो, सामान्यता इन उद्योगों को स्वामी या तो अपने मकान के एक भाग में स्थापित करता है या किराए पर कोई दुकान अथवा फैक्ट्री, शेड आदि लेकर स्थापित करता है

परिभाषा 

अल्प पूंजी से घर पर चलाए जाने वाले उद्योग गृह उद्योग नहीं वास्तव में कुटीर उद्योग है जब कोई कुटीर उद्योग विकसित होकर इतना बड़ा हो जाता है कि उसमें संचालन के अतिरिक्त कुछ कर्मचारी भी नियुक्त करने की आवश्यकता पड़ती है तब सहज ही उसे ग्रह उद्योग कहा जा सकता है

Gruh Udyog
Gruh Udyog

गृह उद्योग की विशेषताएं व लाभ

  • कुटीर उद्योग द्वारा बनाए जाने वाली सभी वस्तुएं गृह उद्योग स्तर पर आसानी से अपेक्षाकृत कम लागत में तैयार की जा सकती है 
  • इनका क्षेत्र अत्यंत विस्तृत होता है चंद लाख रुपए से कोई भी उद्योग प्रारंभ किया जा सकता है
  • आवश्यक कच्चा माल आस-पास ही मिल जाता है 
  • तैयार माल भी आसानी से आस-पास के क्षेत्रों में बेचा जा सकता है
  • कम पूंजी वाला व्यक्ति भी कुटीर अथवा ग्रह उद्योग लगाकर ना केवल अपनी रोजी रोटी कमा सकता है बल्कि कुछ व्यक्तियों को कर्मचारी रखकर बेरोजगारी दूर करने में सहायक हो सकता है 
  • भारत जैसे विकासशील देश में गृह उद्योग का अधिकतम विकास ही प्रगति का एकमात्र मार्ग है 

गृह उद्योग की समस्याएं 

  • गृह उद्योग आदि महानगर में या वेसे किसी अन्य क्षेत्र में लगाएं तो कच्चे माल का प्रबंध करने की समस्या आती है 
  • यदि कच्चा माल दूर से लाना व तैयार माल दूर बेचने जाना पड़े तो परिवहन खर्च भी बढ़ जाता है 
  • इकट्ठा माल लाने ले जाने के कारण आपको कच्चे माल में अधिक पूंजी भी लगानी पड़ती है 
  • कच्चा माल रखने व तैयार माल को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण की समस्या आती है

गृह उद्योग का महत्व 

गांवों और छोटे कस्बों में रहने वाले पढ़े-लिखे युवक आदि नौकरी की तलाश में नगरों में आकर धक्के खाने के स्थान पर अपने गांव अथवा कस्बे में ही कोई ग्रह उद्योग प्रारंभ करने लग जाएं तो हमारे देश का विकास तेजी से होगा।

गृह उद्योग लिस्ट 2021 | Gruh Udyog Business Ideas

निन्म गृह उद्योग संबंधी कार्य जो ग्रामीण क्षेत्रों में नगरों से कई गुना अधिक मुनाफा प्रदान कर सकते हैं 

  1. फलों और सब्जियों को डिब्बा-बंद करना
  2. जेम-जेली, चॉकलेट बनाना
  3. गोली टॉफी व लॉलीपॉप
  4. तिलहन से तेल निकालना
  5. अगरबत्ती निर्माण
  6. दोना पत्तल
  7. LED लाइट लाइट असेंबल
  8. शू पॉलिश बनाना
  9. चिप्स एवं पापड़
  10. अचार
  11. मसाला उद्योग
  12. मोमबत्ती
  13. हैंड मेड साबुन बनाना
  14. धातु के उपकरण बनाना
  15. नेल पोलिश, लिपिस्टिक
  16. बिंदी
  17. काली महंदी व हेयर डाई
  18. सजावटी सामान बनाना
  19. पेन, बॉलपेन, रिफिल
  20. गोली टॉफी व लॉलीपॉप
  21. बेकरी उद्योग
  22. गिफ्ट पैकेजिंग
  23. डायरी, फोटो अलबम
  24. RO Water प्लांट
  25. सिरका बनाना
  26. हवन सामग्री बनाने का काम
  27. गुलाल एवं रंग बनाने का उद्योग
  28. टूथ पाउडर (मंजन) उद्योग
  29. लई और गम बनाने का उद्द्योग
  30. सिरका बनाना
  31. डेयरी उत्पाद बनाना जैसी घी, पनीर, मावा आदि
  32. माचिस बनाना
  33. इत्र बनाने का व्यापर
  34. ऑफसेट प्रिंटिंग का व्यवसाय
  35. वर्मी कंपोस्ट खाद

गृह उद्योग स्तर पर आप फैक्ट्री किसी महानगर में लगाएं अथवा ग्रामीण क्षेत्र में विशेष ध्यान इस बात पर रखा जाना चाहिए कि आवश्यक कच्चा माल आसपास के क्षेत्रों में ही मिल जाए तथा तैयार माल आसपास के क्षेत्रों में ही बिक जाए।

रजिस्ट्रेशन | Gruh Udyog Registration

किसी भी उद्योग या व्यापार के पंजीयन की प्रक्रिया व्यापर के स्वामी या स्वामियों पैर निर्भर करता है की वह किस प्रकर की फर्म रजिस्टर्ड करना कहते है स पर निर्भर करना चाहता है जैसे

 Proprietorship Firm | एकल स्वामित्व फर्म
Partnership Firm | साझेदारी फर्म
Private Limited | प्राइवेट लिमिटेड कंपनी

इसके अलावा GST, ग्राम पंचयात या नगर पालिका से व्यापार पंजीकरण, उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन (MSME) इसके अतिरिक्त किसी अन्य पंजीकरण की आवश्कता आपके द्वारा चुने गए व्यापार पैर निर्भर करता है जैसे फूड लाइसेंस(FSSAI), वायु और जल प्रदूषण परमिट, स्वास्थ्य विभाग परमिट, आयात-निर्यात लाइसेंस

गृह उद्योग कैसे शुरू करें

गृह उद्योग लगाने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए

  1. उद्योग का चयन
  2. मार्किट रिसर्च करना
  3. रिसर्च के आधार पर व्यापर की भूमिका व रणनीति बनाना
  4. मशीनों व उपकरणों की पूर्ण जानकारी एकत्र करना
  5. कुशल श्रमकों व कर्मचारिओं की व्यस्था करना
  6. व्यापर के लिए स्थान का चुनाव करना
  7. लागत एवं लाभ का विश्लेषण करना
  8. उद्योग संबन्धित सभी प्रकर के पंजीयन करवाना

गृह उद्योग सम्बंधित सरकारी योजनाएं | Gruh Udyog Government Scheme

भारत जैसे विकासशील देश में उद्योगों का अधिकतम विकास देश की आर्थिक प्रगति का मार्ग है और यही कारण है कि सरकार ने ग्रह उद्योग को खोलने व संचालन करने के लिए कई नियमो में रियायत देने के साथ साथ सरकारी वित्तीय संस्थान तथा बैंक, सरकारी संगठन के द्वारा इन्हें उदार शर्तों पर कम ब्याज पर ऋण प्रदान करना और अनेक प्रकार के टैक्सों में विशेष छूट और रियायत भी मिलती है

  • प्रधानमंत्री एंप्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम
  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
  • उद्योग क्रेडिट कार्ड योजना
  • प्रधानमंत्री रोजगार योजना
  • प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
  • क्रेडिट लिंक कैपिटल सब्सिडी स्कीम

भारत में लघु, मध्यम, गृह व कुटीर उद्योगों की सहायता करने वाले संस्थान

गृह उद्योग के प्रकार 

  1. ग्रामीण गृह उद्योग | Rural Home Industry 
  2. नगरीय गृह उद्योग | Urban Home Industry

ग्रामीण उद्योग

ग्रामीण गृह उद्योग में कृषि सहायक उद्योग आते हैं जिनके अंतर्गत कृषि से निर्मित उत्पादों को कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त किया जाता है जैसे आलू के चिप्स बनाना, दालें तैयार करना, दालों से मंगोड़ी पापड़ बनाना, सब्जी व फलों से मुरब्बा, अचार, जैम, जेली, केचप बनाना, वर्मी कंपोस्ट खाद बनाना आदि कार्य शामिल है

कृषि सहायक उद्योग का प्रारंभ व संचालन आसान है क्योंकि इसमें प्रयुक्त होने वाले जितने भी कच्चे माल होते हैं वह सभी आप के खेतों में या निकट क्षेत्रों में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं कृषि से प्राप्त कच्चे माल से कृषि सहायक उद्योग आसानी से शुरू करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं

शहरी उद्योग

शहरी गृह उद्योग में अधिक मात्रा में आधुनिक मशीनें, संयंत्र व तकनीकी उपकरण की आवश्यकता होती है साथ ही अधिक दक्ष योग्य व अनुभवी कर्मचारियों की आवश्यकता भी होती है जो मशीनों व उपकरणों का उपयोग अधिक कुशलता से कर सकें

नगरों व शहरों में विशेष रुप से अगरबत्ती बनाना दोना पत्तल बनाना, प्रिंटिंग प्रेस, सूती कपड़े, दरी व साड़ियों का निर्माण तिलहनी फसलों से तेल का निर्माण, दाल मिले आदि कार्य शामिल है

शहरी ग्रह उद्योग में आसपास से योग्य व कुशल कर्मचारी आधुनिक मशीनों की सहायता से अच्छा कार्य करते हैं तथा आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं

7 Comments

  1. Aapke dura di jankari bahut acchi hai.kripya kar ke keval packing aur selling ke bare me bhi jankari uplabd karye. Ki ghar se packing kar usko sell Kiya ja sake.

  2. आनन्द कूमार झाsays:

    सर जी हम कूछ घरेलू उद्योग लगाना चाहते हैं जैसे अगरबत्ती और पत्तल प्लेट बनाने बाला मशीन कम लागत में अच्छा हो और इ एम आइ की सूविधा हो तो वो बताऐं ।

    1. anand patelsays:

      sir me to apko ye sujhao dunga ki ap kewal ek kam pr focus kro aggarbatti ya dona pattal nhi to loss hone ke chance bad sakta hai

  3. Vaishali goyalsays:

    I am a house wife and want to start my sweet manufacturing business and supply it to market, kindly give all details how start,I have no budget and no helping hands.

  4. Deepak Kumar Nayaksays:

    मै गांव मे नमकीन, फ़ूड प्रोसेसिंग व पापड़ आदि का गृह उद्योग चालू करना चाहता हूँ,लोन, रजिस्ट्रेशन व मशीन की पुरी जानकारी देने का कस्ट करें!

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